जन्म : 1 मई 1960, शंभूनगला, फर्रुखाबाद, उ. प्र. (भारत)। शिक्षा : एम. ए. ह़िंदी साहित्य में, एम. एड., पीएच. डी.। शोध कार्य : लखनऊ विश्वविद्यालय से ‘कनउजी लोकगाथाओं का सर्वेक्षण और विश्लेषण’ पर। कार्यक्षेत्र: अध्यापक, लेखक, कवि और संपादक डॉ. जगदीश व्योम नवगीत एवं हिंदी हाइकु के क्षेत्र में अपने विशेष योगदान के लिए जाने जाते हैं। वे हिंदी हाइकु की विशेष पत्रिका ‘हाइकु दर्पण’ के संपादक हैं। इसके अतिरिक्त भारत की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आपके शोध लेख, कहानी, बालकहानी, हाइकु, नवगीत आदि का प्रकाशन हो चुका है। आकाशवाणी दिल्ली, मथुरा, सूरतगढ़, ग्वालियर, लखनऊ, भोपाल आदि केंद्रों से कविता, कहानी तथा वार्ताओं का प्रसारण भी वे कर चुके हैं। दिल्ली दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर हाइकु परिचर्चाएँ प्रसारित हुयी हैं
Saguni was a poor little girl, whose dream was to study in a school, Ipsa, another little girl of class five make Saguni’s dream come true.
Saguni was a poor little girl, whose dream was to study in a school, Ipsa, another little girl of class five make Saguni’s dream come true.
मैं तो समझ रहा था कि तुम इस बँगले में‚ इस घटना के बाद रहना नहीं चाहोगी‚ लेकिन आज मैंने समझा कि तुम्हारा विश्वास तो हिमालय से भी ऊँचा है। तुम्हारे विश्वास को कोई तुफान नहीं डगमगा सकता। आज तुमने मेरे विश्वास को टूटने से बचा लिया।”—डिप्टी साहब ने पत्नी की आँखों के आँसू पोंछते हुए भरे कण्ठ से कहा। डिप्टी साहब जी के आज गृह प्रवेश है | तभी खबर आती है कि उनका भतीजा राजुल अब इस दुनिया में नहीं रहा |पूरा माहौल शोक सभा में बदल जाता है ,वहां आए सभी आगंतुक की बातों से डिप्टी साहब का मन शुभ -अशुभ के फेर में पड़ने लग जाता है | कहानी में आगे क्या होता है? जानने के लिए सुनते हैं डॉक्टर जगदीश व्योम जी के द्वारा लिखी गई कहानी शंका का अंकुर, अमित तिवारी जी की आवाज में
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