ज्ञान चतुर्वेदी एक प्रसिद्ध व्यंग उपन्यास कारक है| व्यंग्य की नोक से वह अपने समाज और परिवेश के असल नाक-नक्श को उकेरने में माहिर समकालीन समर्थ व्यंग्यकारों में से एक हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले के मऊरानीपुर में 2 अगस्त, 1952 को हुआ. डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने चिकित्सकीय शिक्षा के दौरान सभी विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है|राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित ज्ञान चतुर्वेदी की प्रमुख रचनाएं मरीचिका,भूगोल को समझना, रामबाबू जी का बसंत आदि बहुत लोकप्रिय हैं
मुझे पता नहीं कि भूमध्य रेखा से वह जगह कितनी दूर थी कि जहाँ हमारा सरकारी मिडिल स्कूल स्थित था और मुझे यह नहीं पता था कि हम अपने हेडमास्टर साहब के हाथों पृथ्वी के गोलार्ध में पिट रहे थे अथवा दक्षिणी गोलार्द्ध में-परन्तु यह बात स्पष्ट है कि जब मुझे भूगोल पढ़ना तथा समझना चाहिए था, तब मैं नितान्त अभौगोलिक किस्म की हरकतों में मुब्तिला था।भूगोल विषय को समझना इतना दुष्कर क्यों होता है और उसको समझना जरूरी क्यों होता है इसी बात पर व्यंग करते हुए ज्ञान चतुर्वेदी जी द्वारा लिखा गया भूगोल समझना सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज
Reviews for: Bhugol samajhna (भूगोल को समझना)