शिवदीन राम जोशी (जन्म : १० जून १९२१, खंडेला, सीकर जिला) एक भारतीय कवि थे। उनके साहित्य में सवैया, मनहर, मतगयंद, कुंडली छंद ओर कवित्त का प्रयोग तथा धमाल, भजन ओर गजलों का समावेश है। पद्यात्मक रचनाओं का विषय ज्ञान, वैराग्य, प्रेम, प्रकृति चित्रण, प्रार्थना और उपदेश के साथ-साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड, भ्रष्टाचार एवं काल चिंतन उनके साहित्य का मुख्य केंद्र रहे हैं। उनके साहित्य की भाषा ब्रज मिश्रित हिंदी है। कहीं कहीं राजस्थानी, उर्दू और फारसी शब्दों के अलावा अंग्रेजी के शब्दों का भी प्रयोग हुआ है। जोशी का अधिकांश साहित्य अप्रकाशित है।
ब्रज की होली की बात किए बगैर होली की बात अधूरी है। देश-विदेश से लोग ब्रज की होली का आनंद उठाने आते हैं।इस कविता में छंद के माध्यम से आप भी आनंद लीजिए कि किस तरह कन्हैया और उनके साथी मिलकर गोपियों को परेशान कर उनके संग होली खेल रहे हैं?
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