यह कविता कोरे पन्ने पर लिखे शब्दों से इस दुनिया को आकार देते कवि और उसकी कल्पना का महत्व दर्शाती है
30 seconds of positive energy, positive poetry.
30 seconds of positive energy, positive poetry.
Kya kabhi kabhi aisa nahin lagta ki aapko khud se hi khud ki sifarish karni padti hai..? Apne man ko kuch karne ke liye thoda rishwad deni padti hai jaise exercise ka man banana, junk food se parhez karna ya us ex ka number apni phone book se delete karna! Aap poori yogjna banate ho… aur man…. man ka kya hai….man to sarkaar hai…
Thank you everyone for giving me so much love . मुझे इतना प्रेम देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
मानवता- वरदान या अभिशाप ? |Hindi Kavita | हिंदी कविता | Motivational Poems by Anupam Dhyani
Maanavta- kho rahi hai!
SSR ki mrityu aur Bollywood ki underbelly – bhayaavah chehre- ko dekh kar aisa man hua ki kuch shabd likhun.– maanavta par- Humanity par. sawaal uthaun ki vilupt hoti maanavta kaise hame kha rahi hai!
Jai Hind!
संदेह | Doubt |Hindi Kavita |हिंदी कविता | Motivational Hindi Poems by Anupam Dhyani
Doubt Everything. A curious mind is doubtful. Not cynical. But doubtful till the true nature of the truth is perceived.
I hope in the current scenario in India Justice is meted out and the perpetrators are punished
JAI HIND!
प्रज्ज्वलित | Prajjwalit | Hindi Kavita | Motivational Hindi Poems by Anupam Dhyani
Let that lamp be always lit in you. No matter how hard the battle is, it’s only won if you keep going. And those who do, never lose. So keep that faith, keep that little lamp in you always alive.
Jai Hind
30 seconds of positive energy, positive poetry.
पड़ती है !|Hindi Kavita |हिंदी कविता | Motivational Hindi Poems by Anupam Dhyani Before starting something new one must shed the old! One must be patient for victory and always understand that all good things come in time.
दुनिया को रोशनी दिखाने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने आज ही के दिन, 18 अक्टूबर 1931 को अपनी आखिरी सांस ली थी. एक अमेरिकी वैज्ञानिक और बिजनेसमैन थे. उन्होंने बिजली के उपकरण, संचार, साउंस रिकॉर्डिंग और वीडियोग्राफी जैसे क्षेत्रों में कई डिवाइस इजाद किए
कभी -कभी दूसरे की खुशियां इंसान खुद जब महसूस करता है, तब वह जान पाता है कि अपने अंदर की खाली गुफा से या अपने अंदर के खालीपन से वह कैसे बाहर आ सकता है ? जब इंसान अपने स्टैंडर्ड को बहुत बहुत ही ऊंचा समझने लगता है और उसे लगता है कि उसके साथ तालमेल बैठाने के लिए दूसरे इंसान को उस तक पहुंचना होगा |तो कभी-कभी अपने दंभ से बहुत अकेला पड़ जाता है | इस कहानी का महेंद्र अपने दिल की इस खाली गुफा से कैसे बाहर निकलता है?
एक कामकाजी महिला के ऊपर समाज किस प्रकार शोषण करता है इसी बात दर्शाती है कहानी एक फलसफा जिन्दगी कहानी में सुभद्रा सुंदर सुशिक्षित लड़की है |जिसको कई बार नौकरी में शोषित किया जा रहा है| सुभद्रा कैसे इस बात से बाहर निकलती है जानने के लिए सुनते हैं स्वाति तिवारी की लिखी हुई कहानी एक फलसफा जिन्दगी ,अंजू जेटली की आवाज में
“तीखा जीवित कांटा बनू ,शवों पर निर्जीव फूल नहीं “, हमें जीवन इस ढंग से जीना चाहिए कि खुद हम अपने ऊपर गर्व महसूस कर सकें |इसी भावना को सजग करते हुए अनुपम ध्यानी की आवाज में खूबसूरत कविता “राख बनो धूल नहीं”…
Reviews for: Kore panne pe syahi ke dhabbe (कोरे पन्ने पे स्याही के धब्बे)
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ani