भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी और पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी थी। भारतीय वायु सेना को आजादी से पहले ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद 1950 में इसके नाम से रॉयल शब्द हटा दिया गया था। भारतीय वायु सेना ने 1933 में पहली बार उड़ान भरी थी।
9 नवंबर 1953 को कंबोडिया आजाद मुल्क बन गया| लेकिन इसके लोकतंत्र बनने में अभी समय था. सत्ता का केंद्र थे राजा नॉरडम सिहानुक|
गणेश वासुदेव मावलंकर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतीय लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष थे। उन्हें ‘दादासाहेब’ के नाम से भी जाना जाता था। वे अहमदाबाद लोकसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रुप में लोकसभा में निर्वाचित हुये थे। उन्होने भारतीय संसदीय संस्थान में एक उत्कृष्ट वक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई।
“3 अक्टूबर 1672 को राणा अमर सिंह द्वितीय का जन्म हुआ ।वे मेवाड़ साम्राज्य के राजपूताना शासक बने ।मातृभूमि की समृद्धि के लिए राजपूतों को एकजुट करने में उनकी अहम भूमिका रही। इतिहास में उनकी वीरता ,शौर्य, त्याग ,पराक्रम अमर रहेगा
1576 में महाराणा प्रताप की नेतृत्व में ऐतिहासिक हल्दीघाटी युद्ध में बहलोल खान को उनके घोड़े सहित दो टुकड़ों में छिन्न-भिन्न कर दिया था। “
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से ‘चाचा नेहरू’ भी कहा जाता था और उनकी मृत्यु के बाद, उनके जन्मदिन को भारत में ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
विट्ठल भाई पटेल भारत के प्रख्यात विधान वेत्ता होने के साथ ही साथ एक महान क्रांतिकारी भी रहे। यह सरदार वल्लभभाई पटेल के बड़े भाई थे। पूर्ण स्वराज पाने के लिए वह किसी भी तरह अंग्रेजों से कोई भी समझौता नहीं करना चाहते थे। इनका संपूर्ण जीवन सिर्फ़ और सिर्फ़ देश के लिए ही समर्पित रहा।
लीला सेठ का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर, 1930 को हुआ। लीला सेठ बचपन में ही पिता की मृत्यु के बाद विधवा मां के सहारे पली-बड़ीं और मुश्किलों का सामना करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जैसे पद तक पहुंचने का सफर पूरा किया
आधुनिक परिवेश में पाल रहे अपने बच्चों की हर जिद, हर जरूरत को किसी भी तरह पूरा करते-करते एक मध्यवर्गीय परिवार किस प्रकार अपने बच्चों से ही पिछड़ जाता है । यह सोचने को मजबूर करती हुई बेहद भावुक कहानी है गति…….
किसी झूठ की बार- बार पुनरावृत्ति होने पर ,वह सच की भांति प्रतीत होने लगता है किंतु ऐसे समय अपनी बुद्धि का प्रयोग करना अति आवश्यक हो जाता है| ऐसा ही कुछ उस ब्राह्मण के साथ होता हैजब वह अपनी बुद्धि का प्रयोग और अपने पर विश्वास ना करके ठगों के द्वारा ठगा जाता है | किस प्रकार?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी बकरा और ब्राह्मण, शिवानी आनंद की आवाज में…
किसी की अमानत हड़प कर इंसान सुखी नहीं रह सकता। इसका उदाहरण है, बाबू हरिदास। मगन सिंह उनके ईद के पजावे पर काम करने वाला बालक था, जिस पर उन्हें बड़ी दया आती थी । किंतु जब उन्हें मदन सिंह के पुरखों द्वारा गाए गए खजाने का पता चला तो उनकी नियत खराब हो गई और उसी गड़े हुए खजाने के लालच में वे चल बसे। वही हाल उनके सुपुत्र प्रभु दास का हुआ किंतु वह भी मगन सिंह के खजाने को भोग ना सका और अंत में खजाना मगन सिंह को मिल गया।
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