शायर का मानना है कि वह अपना सब कुछ लुटा चुका है फिर भी उसने फायदे का सौदा किया है। जाना नहीं चाहेंगे कैसे ?
किसी पर जुल्म करने के बाद वास्तव में मन की स्थिति क्या होती है? जानिए शायर की नज़र से…
शायर सोच रहा है जब हम किसी से मिले तो हमारे बीच ना कोई सियासत की बात हो ना ही कोई हिकमत अथार्त ज्ञान की बात हो ,तो आखिर शायर किस तरह की बात करना चाह रहा है ?जानिए शायर की नज़र से…
माना तो जाता है कि प्यार में शैतान भी इंसान बन जाते हैं लेकिन ऐसा भी होता है कि प्यार में इंसान शैतान भी सकता है। आखिर कैसे? जानिए शायर की नज़र से…
शायर कह रहा है कि उसकी ग़ैरत अथार्त उसकी modesty को क्यों नहीं लोगों ने समझा आज उसके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी वह तन्हा है सुनिए शायर अनिमेष की नज़र से…
हम जीवन में बहुत से किरदार अर्थात रिश्ते निभाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर हम सिर्फ़ एक आदमी बन कर रहे तो कैसा लगेगा? जानिए शायर की नज़र से..
माना तो जाता है कि प्यार में शैतान भी इंसान बन जाते हैं लेकिन ऐसा भी होता है कि प्यार में इंसान शैतान भी सकता है। आखिर कैसे? जानिए शायर की नज़र से…
शायर का मानना है जब वह मुफ़लिसी की स्थिति अथार्त गरीबी की स्थिति में था तब उसे अपने और परायों की सही पहचान हुई..। कैसे जानिए शायर की नज़र से…
किसी पर जुल्म करने के बाद वास्तव में मन की स्थिति क्या होती है? जानिए शायर की नज़र से…
शायर सोच रहा है जब हम किसी से मिले तो हमारे बीच ना कोई सियासत की बात हो ना ही कोई हिकमत अथार्त ज्ञान की बात हो ,तो आखिर शायर किस तरह की बात करना चाह रहा है ?जानिए शायर की नज़र से…
शायर कह रहा है कि उसकी ग़ैरत अथार्त उसकी modesty को क्यों नहीं लोगों ने समझा आज उसके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी वह तन्हा है सुनिए शायर अनिमेष की नज़र से…
कहानी में एक युवती अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली है |ठंड की एक रात अचानक उसके यहां 60…65 साल का आदमी चादर लपेटे एक वृद्ध व्यक्ति आ जाता है ,जो अपने को उनका रिश्तेदार बतलाता है| अब युवती बेहद असमंजस की स्थिति में है, अतिथि को अपने घर आने दे अथवा नहीं| अब आगे क्या होता है जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली द्वारा लिखी गई कहानी अतिथि, निधि मिश्रा की आवाज में….
शराब एक जहर है जो इंसान को हैवान बना देती है। गांधी जी ने समस्त भारतवासियों से अपील की थी कि जो लोग शराब पीते हैं , वह शराब पीना छोड़ दें ।कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता, जय राम और मिसेज़ सक्सेना, दोनों ही इस कार्य को करने के इच्छुक होते हैं। बारी-बारी से दोनों को यह कार्य सौंपा जाता है। कौन सा फल होता है और कौन विफल ,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है।
अरुण वर्मा एक ईमानदार फॉरेस्ट ऑफिसर है |ईमानदारीसे किसी भी तरीके से समझौता न करने के कारण अरुण वर्मा का बार-बार तबादला करा दिया जाता है |इस बार तो अरुण वर्मा ने एमएलए के भतीजे का ट्रक पकड़ा है |इस बात का क्या प्रभाव पड़ेगा अरुण वर्मा की जिंदगी में ?क्या वह सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता छोड़ देगा या फिर अपनी बात पर अडिग रहेगा| जानने के लिए सुनते हैं सूर्यबाला के द्वारा लिखी गई कहानी होगी जय, होगी जय… हे पुरुषोत्तम नवीन , निधि मिश्रा की आवाज में
लाल क्रॉस – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
धर्म जब अंधविश्वास का आवरण ओढ़ लेता है तब समाज में कुरीतियों, अलगाव, भेदभाव की स्थितियां पैदा होती हैं और इसका कारण स्वयं धर्म नहीं होता बल्कि वह लोग होते हैं जो इस का प्रभुत्व रखना चाहते हैं ।धर्म की आड़ लेकर कुछ इसी तरह की कहानी है लाल क्रॉस जिसमें एक वृद्ध व्यक्ति जो कि एक केंद्र किरदार है जब उसकी मृत्यु होती है तो किस प्रकार गांव के लोग अंधविश्वास का आवरण पहनाने के लिए उसमें तरह-तरह की कही -अनकही बातें जोड़ देते हैं। इसके पीछे से यह कारण होता है कि वह वृद्ध व्यक्ति किसी एक धर्म का अनुयाई नहीं होता। पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज़ में 19वीं शताब्दी के बेहद प्रसिद्ध लेखक guy de maupassant की लिखी कहानी लाल क्रॉस
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