पेटीएम (Paytm) के संस्थापक विजय शेखर शर्मा आज भारतीय युवा कारोबारियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. यूपी के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से गांव के मूल निवासी और एक स्कूल टीचर के बेटे शर्मा आज फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में शामिल हैं i 27 साल की उम्र में विजय शेखर शर्मा 10 हजार रुपये महीना कमा रहे थे. उस सैलरी को देखकर उनकी शादी तक में मुश्किल हो रही थी. वह बताते हैं, “2004-05 मे मेरे पिता ने कहा कि मैं अपनी कंपनी बंद कर दूं और कोई 30 हजार रुपये महीना भी दे तो नौकरी ले लूं.” 2010 में शर्मा ने पेटीएम (Paytm) की स्थापना की, जिसका आईपीओ ढाई अरब डॉलर पर खुला. बहुत समय तक उनके माता-पिता को पता ही नहीं था कि उनका बेटा करता क्या है. विजय शेखर शर्मा बताते हैं, “एक बार मां ने मेरी संपत्ति के बारे में हिंदी के अखबार में पढ़ा तो मुझसे पूछा कि वाकई तेरे पास इतना पैसा है.” फोर्ब्स पत्रिका ने विजय शेखर शर्मा की संपत्ति 2.4 अरब डॉलर यानी भारतीय रुपयों में लगभग सवा खरब रुपये आंकी है.
शून्य से शिखर तक का सफ़र एक आम आदमी को खास बना देता है । निखिल कामत उन खास आदमियों में से एक है। एक समय ऐसा भी था जब निखिल कामत स्कूल ड्रॉपआउट थे किंतु किस प्रकार अपनी ज़िन्दगी को एक नया मोड़ देते हुए आज निखिल भारत के युवा अरबपतियों में गिने जाते हैं? वह एक मशहूर stock broker entrepreneur हैं और जिनके आर्टिकल्स द फाइनेंस टाइम में छपते हैं जिन्हें हज़ारों लाखों- लाखों लोग पढ़ते हैं। जानिए उनके कामयाब सफ़र के बारे में, अमित तिवारी के द्वारा..
संघर्ष ,सामंजस्य ,जिम्मेदारियाँ ,समर्पण ,त्याग का नाम ज़िदंगी है| आज मिलते हैं ऐसे ही एक शख्सियत से जिन्होंने ज़िदंगी के सारे पहलुओं पर खरे उतरते हुए आज एक विशिष्ट मुकाम हासिल किया है|अपनी मातृत्व- शक्ति ,निपुणता और बेजोड़ आत्मविश्वास के बल पर जीवन की चुनौतियों को आविष्कार के रूप में परिवर्तित कर दिया है| जिससे वो अपनी जैसी लाखों महिलावर्ग के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है|. इनकी संकल्प की शक्ति से आज कितनो के जीवन बदल गए हैं | “पल्लवी उतागी”, का अद्भुत व्यक्तित्व है, ये सुपरबॉटम की सी.ई.ओ और संस्थापक हैं|इन्होंने ऐसे डायपर का आविष्कार किया जो रियूज़ेबल और कपास से निर्मित है| यह भारत की सफल महिला उद्यमी है, जिन्होंने शिशु और पृथ्वी दोनों की देखभाल हेतु अपने उत्पाद को बाजार में उतारा और सफलता प्राप्त की|6
कठिन परिश्रम ,दृढ़ शक्ति दूरदर्शिता और कुछ कर गुज़रने का सपना लेकर कीमत राय गुप्ता जी ने किस प्रकार मात्र 10000 से 17 हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया ? हैवेल्स इंडिया लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनी के मालिक कीमत राय गुप्ता की ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव के कई पहलुओं से रू-ब-रू होते हैं ,मज़ीद की आवाज़ से जानते हैं आम आदमी खास कहानी में…
आसिफ़ अहमद की फ़र्श से अर्श तक की कहानी, बचपन से आर्थिक तंगी से गुज़रने वाले आसिफ़ अहमद का बड़ा बनने का जुनून ,उनका आत्मविश्वास और अपने सपनों की डोर को हमेशा थामें रखने का हुनर उन्हें एक मामूली से बिरयानी का ठेला लगाने वाले शख़्स से आज 70 करोड़ टर्न ओवर के मालिक होने की पहचान दिला रहा है। यह सब कैसे हुआ? आसिफ़ अहमद की आम आदमी से ख़ास आदमी बनने की क्या रही कहानी ?इसे जानते हैं अमित तिवारी के द्वारा
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी। जीवन में बहुत सी विसम परिस्तिथियाँ आई पर उनके क़दम कभी नहीं डगमगाए और वो हर मुश्किल का सामना करते हुए , सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गए , इनकी कहानी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है
जदुनाथ सिंह परमवीर चक्र विजेता (21 नवंबर 1916 -6 फरवरी 1948 )नौशेरा के झांगर पोस्ट में मात्र अपने 9 सिपाहियों के साथ डटे इस नौजवान ने सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को अपने जोश और ज़ज़्बे से कामयाब नहीं होने दिया। पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार तीन बार कोशिश की लेकिन अपने सारे साथियों के वीरगति प्राप्त होने के बावजूद अकेले- दम सीने पर 11 गोलियां खाकर भी पाकिस्तानी सैनिकों को तब तक मुंह -तोड़ जवाब दिया जब तक हिंदुस्तानी सेना वहां नहीं आ गयी। 6 फरवरी 1948 को हमारा यह वीर सैनिक शहीद हो गया ।भारत सरकार की ओर से अपने सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र से मरणोपरांत इन्हें सम्मानित किया गया।
कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह (श्री पीरू सिंह शेखावत भी) (20 मई 1918 – 18 जुलाई 1948) भारतीय सैनिक थे। उनका 1947 के भारत-पाक युद्ध में निधन हुआ। उन्हें 1952 में मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया जो शत्रु के सामने वीरता प्राप्त करने के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च भारतीय सम्मान है।
शून्य से शिखर तक का सफ़र एक आम आदमी को खास बना देता है । निखिल कामत उन खास आदमियों में से एक है। एक समय ऐसा भी था जब निखिल कामत स्कूल ड्रॉपआउट थे किंतु किस प्रकार अपनी ज़िन्दगी को एक नया मोड़ देते हुए आज निखिल भारत के युवा अरबपतियों में गिने जाते हैं? वह एक मशहूर stock broker entrepreneur हैं और जिनके आर्टिकल्स द फाइनेंस टाइम में छपते हैं जिन्हें हज़ारों लाखों- लाखों लोग पढ़ते हैं। जानिए उनके कामयाब सफ़र के बारे में, अमित तिवारी के द्वारा..
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी।, जीवन में बहुत सी विसम परिस्तिथियाँ आई पर उनके क़दम कभी नहीं डगमगाए और वो हर मुश्किल का सामना करते हुए , सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गए , इनकी कहानी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है
सर मुझे माफ़ कर दीजिए ..लेकिन मैं क्या करती …पापा को ब्लड कैंसर है …अगर तीन दिन के अंदर उनका ऑपरेशन नही हुआ तो पापा मर जायेंगे ….सर अपनी खुशी से नही …अपनी मजबूरी से मैं यहाँ हूँ ….मैं क्या करती ..ये सेठ मुझे एक रात के एक लाख रुपए दे रहा था अजय नाथ शास्त्री एक नास्तिक विचारधारा वाला थानेदार है उसके पड़ोस में रहने वाली पायल कान्हा की भक्त है अजय नाथ शास्त्री पायल से प्रेम करने लग जाता है किंतु एक प्रसंग के बाद जब उसे पायल की सच्चाई पता चलती है तो क्या होता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में जुनैद की लिखी कहानी है थैंक्स कान्हा
शोध में पुरातत्व विभाग को एक सन 1950 ईस्वी की स्मारक मिलती है जिसमें खुदी हुई चार पंक्तियां होती है कवि का नाम गोवर्धन दास लिखा होता है पुरातत्व विभाग को गोवर्धन दास के बारे में पहले से कुछ भी ज्ञात नहीं होता है गोवर्धन दास कवि कैसे बना क्या उसका है उसका इतिहास और पुरातत्व विभाग में उनके विषय में क्या लिखा पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी गई कहानी सन् 1950 ईसवी
“तुम फौजी बड़े बेवफा होते हो शादी करोगे ,फिर कल फर्ज के नाम पर शहीद कहलाओगे | तुम्हारे पीछे मैं विधवा ……” कहानी में आकाश एक नेवी कमांडर है और एक भूमि नाम की लड़की से बहुत प्यार करता है | भूमि भी उससे बेतहाशा प्यार करती है |किंतु जब आकाश ,भूमि के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है तो उसे वह अस्वीकार कर देती है | पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं ऋषभ आदर्श के द्वारा लिखी गई कहानी “विधवा “,अमित तिवारी जी की आवाज में….
देश और संस्कृति के हित में एक प्रेम मुक्त समाज की परिकल्पना साकार करने की दिशा में पनौती गंज में पिंकू और रिंकू पर वेलेंटाइन सप्ताह कैसे गुजरता है इस पर व्यंग्यात्मक शैली में कमलेश पांडे जी द्वारा लिखी कहानी वैलेंटाइन डे इन पनौती गन सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्रौपदी द्युत सभा में कौरवों के छल कपट से खेले जाने वाले द्युत क्रीड़ा का पुरज़ोर विरोध कर रही है समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह द्रोणाचार्य विदुर सहित सभी द्रोपदी का साथ देते हुए कौरवों के छल कपट का विरोध कर रहे हैं । द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
स्वेज नहर मिस्र में भूमध्य सागर पर बन्दरगाह सईद से दक्षिण की ओर स्वेज शहर (स्वेज की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित) तक 120 मील तक फैली हुई है। नहर मिस्र के बड़े हिस्से को सिनाई प्रायद्वीप से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
“तीखा जीवित कांटा बनू ,शवों पर निर्जीव फूल नहीं “, हमें जीवन इस ढंग से जीना चाहिए कि खुद हम अपने ऊपर गर्व महसूस कर सकें |इसी भावना को सजग करते हुए अनुपम ध्यानी की आवाज में खूबसूरत कविता “राख बनो धूल नहीं”…
सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीबी नियुक्त हुई ।जिनका पूरा नाम मीरा साहब फातिमा बीवी है। सेवानिवृत होने होने के बाद वह राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की सदस्य भी रही। वह तमिलनाडु की राज्यपाल भी रह चुकी है।
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