कहानी में एक औरत अपने जीवन के खालीपन को भरने के लिए क्या रास्ता अपनाती है ?विवेक श्रीवास्तव की कहानी चैट में जानते हैं ,अमित तिवारी की आवाज में
रामदयाल एक श्रेष्ठ अभिनेता है| रामदयाल का विवाह उर्मिला से होता है जो कि सुंदर- सुशिक्षित और उच्च घराने की है युवती है |रामदयाल नवयुग पत्रिका में प्रकाशित एक महिला अंक को पढ़कर उसकी विवेचना करते -करते उसे अपने जीवन में सत्यापित करने का प्रयास करता है| और उसी प्रयास के जरिए उससे एक बहुत बड़ी भूल हो जाती है| रामदयाल ने ऐसा क्या किया पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं उपेंद्र नाथ अश्क द्वारा लिखी गई कहानी पहेली अमित तिवारी जी की आवाज में
पूरी सत्कार कालोनी में मरघट जैसा सन्नाटा छाया था। आज खन्ना साहब के खाली प्लॉट पर किसी तरह का शोर नहीं था। कल तक तो इस प्लॉट पर हर समय कालोनी के बच्चों की धमाचौकड़ी मची रहती थी। बच्चों के मां-बाप लाख समझाते, डांटते-डपटते, यहां तक कि पीटते भी, पर बच्चे यहां आना न छोड़ते। किसी न किसी बहाने इस प्लॉट पर पहुंच जाते। वे प्रतिदिन इस प्लॉट पर इस तरह पहुंचते मानो उनके लिए यह मंदिर-मस्जिरद-गुरुद्वारा हो। बचपन कितना मासूम होता है इस संदर्भ में कहानी में दर्शाया गया है कि किस प्रकार कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चे अपनी कॉलोनी के पिल्लो पर अपनी जान रखते हैं छिड़कते हैं इसी मासूमियत को दर्शाती है कहानी बचपन
इस कहानी में एक पिता और बेटे के कहे अनकहे जज़्बातों को , उनके एहसासों को बड़ी सच्चाई और ख़ूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया है।
लेफ्टिनेंट सागर शिव सागर जाना चाह रहा है मूसलाधार बारिश के कारण और रास्ते में कीचड़ हो जाने के कारण उसकी गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है |रैन बसेरा करने के लिए किसी जगह की तलाश कर रहा है |उसे एक इमारत दिखाई देती है किंतु इमारत का क्या रहस्य है उसके पीछे क्या कहानी है जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय के द्वारा लिखी गई कहानी जय-दोल, अमित तिवारी की आवाज में के द्वारा लिखी गई कहानी
हिंदू मुसलमानों में जब तनाव की स्थिति आई थी तो बदले की आड़ में इसका खामियाजा बड़ी संख्या में उनकी बहू बेटियों को करना पड़ा यह कहानी एक ऐसे सिख शरणार्थी की है जो ट्रेन में बैठी एक मुस्लिम युवती का संरक्षण करता है
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 2 नवंबर को विश्व स्तर पर “इंटरनेशनल डे टू इंड इम्प्युनिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट जर्नलिस्ट” यानि “पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दण्ड मुक्ति समाप्त करने का अंतरराष्ट्रीय दिवस” मनाया जाता है। यह दिन पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ हिंसक अपराधों के लिए कम वैश्विक सजा दर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है, जिसका अनुमान प्रत्येक दस मामलों में केवल एक में जताया जाता है।
सर छोटू राम, (जन्म-24 नवंबर 1881 – 9 जनवरी 1945) ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के एक प्रमुख राजनेता एवं विचारक थे। उन्होने भारतीय उपमहाद्वीप के ग़रीबों के हित में काम किया। इस उपलब्धि के लिए, उन्हें 1937 में ‘नाइट’ की उपाधि दी गई।
“मेरे घर से बाहर के रास्ते में कई बाजार और गलियां पड़ती थी | जहां मेरी आंखों ने देखा कई दिनों से बना पाकिस्तान अब जिंदाबाद हुआ है |” लेखक सआदत हसन मंटो ने हिंदुस्तान -पाकिस्तान बंटवारे के बाद जब पाकिस्तान गए ,तो वहां की स्थिति से रूबरू हुए | जो उन्हें बेहद जो बेहद अचंभित कर देने वाली थी |सुनते हैं अनुपम ध्यानी की आवाज में यह पूरा वृतांत “सवेरे जो कल मेरी आंख खुली “……
हिमालय पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना 4 नवंबर, 1954 में भारत में पर्वतारोहण को क्रीड़ा के रूप में बढ़ावा देने हेतु की गई थी|1953 में तेंज़िंग नाॅरगे और एडमंड हिलेरी द्वारा एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा गया|
सर मुझे माफ़ कर दीजिए ..लेकिन मैं क्या करती …पापा को ब्लड कैंसर है …अगर तीन दिन के अंदर उनका ऑपरेशन नही हुआ तो पापा मर जायेंगे ….सर अपनी खुशी से नही …अपनी मजबूरी से मैं यहाँ हूँ ….मैं क्या करती ..ये सेठ मुझे एक रात के एक लाख रुपए दे रहा था अजय नाथ शास्त्री एक नास्तिक विचारधारा वाला थानेदार है उसके पड़ोस में रहने वाली पायल कान्हा की भक्त है अजय नाथ शास्त्री पायल से प्रेम करने लग जाता है किंतु एक प्रसंग के बाद जब उसे पायल की सच्चाई पता चलती है तो क्या होता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में जुनैद की लिखी कहानी है थैंक्स कान्हा
Reviews for: Chat (चैट)